अविपत्तिकर चूर्ण (Avipattikar churna) के उपयोग फायदे नुकसान व सेवन विधि
Tablet of Contents
- 1 अविपत्तिकर चूर्ण क्या है – (what is Avipatikar powder In Hindi)
- 2 अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे – (Benefits of Avipattikar Churna In Hindi)
- 3 अविपत्तिकर चूर्ण के नुकसान – (Disadvantages of Non-Destructive Powder In Hindi)
- 4 अविपत्तिकर चूर्ण की सेवन विधि – (Method of Consumption of Avipattikar Powder in Hindi)
- 5 अविपत्तिकर चूर्ण से सावधानियां – (Precautions Against Avipattikar Powder In Hindi)
- 6 निष्कर्ष
प्रत्येक मानव अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहता है। यदि आप भी अपने शरीर को स्वस्थ और हष्ट पुष्ट रखना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इस लेख में हम आपको अविपत्तिकर नामक चूर्ण के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
इस चूर्ण का इस्तेमाल एक लंबे अरसे से पाचन क्रिया को सुधारने के लिए और शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए किया जा रहा है। इस चूर्ण के बहुत से लाभ है जो अविश्वसनीय है। आइए अविपत्तिकर चूर्ण के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाला यह लेख शुरू करते हैं।
अविपत्तिकर चूर्ण क्या है – (what is Avipatikar powder In Hindi)
सबसे पहले हम आपको इस चूर्ण के बारे में बताते हैं कि यह क्या है और यह किस तरह कार्य करता है। दरअसल यह बहुत सी जड़ी बूटियों और खनिजों को मिलाकर बनाया गया एक प्राकृतिक चूर्ण है। इसमें मुख्य रूप से आंवला, काली मिर्च, हरड़, पिप्पली, त्रिफला, अदरक, तेज पत्ता, त्रिकटु और लौंग पाई जाती है।
इस सामग्री के अलावा भी इसमें बहुत सी अन्य सामग्री उपस्थित होती है। यदि इस शब्द के शाब्दिक अर्थ की बात की जाए तो वह है अतिरिक्त तेजाब को हटाना।
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अविपत्तिकर चूर्ण के फायदे – (Benefits of Avipattikar Churna In Hindi)
जैसा कि हम पहले भी बता चुके हैं कि इस चूर्ण का उपयोग पाचन संबंधी समस्याओं और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए होता है। लेकिन इसके अलावा भी इस चूर्ण के बहुत से उपयोग है। आइए हम आपको इसके मुख्य उपयोगों के बारे में बताते हैं।
- मोटापा कम करें: इस चूर्ण का उपयोग मोटापा कम करने के लिए भी किया जा सकता है। मोटापा इसलिए होता है क्योंकि व्यक्ति का खाना ठीक से नहीं पच पाता और उसके शरीर में वसा जमा होने लगता है। बहुत बार मोटापे की स्थिति कब्ज के कारण भी उत्पन्न हो जाती है। आप इस चूर्ण का सेवन करके अपना मोटापा कम कर सकते हैं।
- बवासीर के इलाज में भी फायदेमंद: व्यक्ति के आजकल के लाइफस्टाइल के कारण बवासीर बहुत आम बीमारी हो गई है। यह बीमारी तब होती है जब कोई व्यक्ति बहुत पुराने कब्ज से पीड़ित हो। यदि आप इस चूर्ण का उपयोग बवासीर के लिए कर रहे हैं तो इसका सेवन दिन में दो बार करें।
- तंदुरुस्त लीवर के लिए: इस चूर्ण का उपयोग एक अच्छे लीवर के लिए भी किया जा सकता है। लीवर मानव शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है। जब हमारा लीवर बहुत अधिक काम करता है तो यह कमजोर पड़ सकता है और इसके कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है। जिसके कारण शरीर में बहुत सी बीमारियां पनपने लगती हैं इसके लिए जरूरी है कि आपका लीवर हमेशा स्वस्थ रहे। आप इस चूर्ण के उपयोग से अपने लीवर को हमेशा स्वस्थ रख सकते हैं।
- स्किन को स्वस्थ रखें: इस पाउडर के सेवन से आपके शरीर से सभी खराब पदार्थ निकल जाते हैं और आपको एक सुंदर और चमकदार त्वचा प्राप्त होती है। यह सूजन को कम कर देता है जिससे कि पिंपल आदि की समस्या नहीं होती। इस चूर्ण में मौजूद एंटीऑक्साइड गुण स्किन को बाहर से हानि नहीं होने देते।
- चिंता और तनाव से मुक्ति दिलाता है: इस पाउडर के सेवन से मन शांत हो जाता है और चिंता और तनाव से मुक्ति मिलती है। यह शांति के साथ विश्राम भी प्रदान करता है। जब व्यक्ति को आराम मिलता है तो वह खुद ही शांत हो जाता है और प्रसन्न रहने लगता है। अतः आप चिंता से मुक्ति के लिए इस चूर्ण का सेवन कर सकते हैं।
- फेफड़ों के रोग में लाभकारी: यह चूर्ण फेफड़ों को स्वस्थ रख उनकी कार्य प्रणाली सुधारता है। यह चूर्ण श्वास मार्ग को भी साफ कर देता है। इससे अस्थमा जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। यह शरीर के सभी गंदे पदार्थों को निकाल देता है और फेफड़ों को स्वच्छ रखने में मदद करता है।
यह चूर्ण मानसिक एकाग्रता को स्थिर रखता है। यह भूख न लगने की समस्या को भी दूर कर देता है और भूख नहीं लगने के कारण उत्पन्न हुई कमजोरी को भी भर देता है।
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अविपत्तिकर चूर्ण के नुकसान – (Disadvantages of Non-Destructive Powder In Hindi)
आइए अब इस चूर्ण के दुष्प्रभावों पर एक नजर डालते है।
- यदि इस चूर्ण का सेवन जरूरत से ज्यादा मात्रा में किया जाएं तो यह शरीर को बहुत से नुकसान पहुंचा सकता है।
- गर्भवती महिलाओं को इसके सेवन से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
- जो महिला स्तनपान करा रही है उन्हें भी इसके सेवन से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
- इसके सेवन के बाद मल के पतला आने की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- इससे डिहाइड्रेशन के समस्या भी उत्पन्न होती है।
- इसके सेवन के बाद मधुमेह भी अनियंत्रित हो जाता है।
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अविपत्तिकर चूर्ण की सेवन विधि – (Method of Consumption of Avipattikar Powder in Hindi)
अविपत्तिकर चूर्ण की सेवन विधि के बारे में पूरी तरह जानकर ही इसका सेवन करना उचित होगा इसकी सेवन की विधि के बारे में निम्नलिखित जानकारियां दी गई हैं।
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- याद रहे आपको इसका सेवन खाली पेट नहीं करना है बल्कि खाने के बाद गुनगुने पानी के साथ इसका सेवन करना है। इस बात का भी ध्यान रखें कि आपको किस प्रकार की समस्या है और आपको भोजन में क्या ग्रहण करना चाहिए।
- इस चूर्ण का सेवन दिन में तीन बार किया जा सकता है। इसे प्रति खुराक में 3 से 4 ग्राम लें।
- स्मरण रहें कि रेचक के रोग में इसे एक बार ही लेना है।
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अविपत्तिकर चूर्ण से सावधानियां – (Precautions Against Avipattikar Powder In Hindi)
इस चूर्ण का सेवन शराब के साथ न करें। क्योंकि शराब का सेवन इसके फायदों को बेअसर कर देता है। जिससे की उदर में अत्याधिक जलन उत्पन्न हो सकती है। इसलिए यदि आप इस चूर्ण का सेवन कर रहें है तो शराब से दूर रहें।
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निष्कर्ष
हमने इस लेख के माध्यम से अविपत्तिकर चूर्ण के बारे में बहुत सी जानकारी देने का प्रयास किया हमने आपको इस चूर्ण के लाभ हानि के अलावा इसमें मौजूद तत्वों के बारे में ही बताया। इसका सेवन शुरुआती लक्षणों में किया जा सकता है लेकिन यदि आपको लगे कि समस्या बढ़ रही है तो आप इसका सेवन बंद कर डॉक्टर के पास जाएं।
पाठकों किसी भी प्रकार की दवा का सेवन बिना डॉक्टर से परामर्श किए नही करना चाहिए। आप इस लेख के बारे में अपने विचार हमसे कमेंट के माध्यम से साझा कर सकते हैं।
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