ओमेगा-3 कैप्सूल्स के फायदे (Omega 3 Capsules Benefits in Hindi), नुकसान, कीमत
Tablet of Contents
- 1 ओमेगा-3 कैप्सूल्स क्या होते हैं (What are omega-3 Capsules)
- 2 ओमेगा-3 फैटी एसिड क्या है (Omega 3 Fatty Acid kya hai)
- 3 ओमेगा-3 फैटी-एसिड कितने प्रकार के होते हैं (Omega-3 Fatty Acid Types)
- 4 ओमेगा – 3 कैप्सूल के फायदे (benefits of Omega-3 capsules) –
- 4.1 ओमेगा-3 कैप्सूल्स से आंखों को फायदा (omega-3 capsules for eyesight)
- 4.2 गर्भावस्था में बच्चों के मस्तिष्क के विकास के लिये ओमेगा-3 कैप्सूल्स – (Omega-3 Capsules for Brain Development of Children dDuring Pregnancy)
- 4.3 हृदय रोगों में ओमेगा-3 कैप्सूल्स के लाभ (omega-3 capsules benefits in heart dieses)
- 4.4 ओमेगा-3 कैप्सूल्स से स्व-प्रतिरक्षित रोगों में लाभ (benefits of omega-3 capsules in auto-immune dieses)
- 4.5 मोमोरी-पॉवर में ओमेगा-3 कैप्सूल्स के फायदे (benefits of omega-3 capsules in Alzheimer’s dieses)
- 5 ओमेगा–3 कैप्सूल की खुराक – (Omega-3 Capsule Supplements In Hindi)
- 6 पुरुषों को ओमेगा-3 कैप्सूल्स से होने वाले फायदे – (Benefits of Omega-3 Capsules For Men)
- 7 ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स की कमी के लक्षण – (Symptoms of Omega-3 deficiency)
- 8 ओमेगा-3 कैप्सूल से होने वाले नुकसान (disadvantage of Omega-3 capsules)
- 9 ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स के प्रमुख स्रोत (Sources of omega-3 fatty acids)
- 10 ओमेगा 3 कैप्सूल के विकल्प – (Omega 3 Capsule Alternatives)
- 11 निष्कर्ष – (Conclusion)
ओमेगा – 3 कैप्सूल्स, प्रयोग करने का तरीका, फायदे, पुरुषों में ओमेगा थ्री कैप्सूल के फायदे, नुकसान, कीमत, कमी के लक्षण और जरूरी जानकारियां –
ओमेगा-3 कैप्सूल्स क्या होते हैं (What are omega-3 Capsules)
जैसा कि नाम से ही ज़ाहिर है, ओमेगा-3 कैप्सूल्स ओमेगा-3 फैटी-एसिड के बने होते हैं। ओमेगा-3 कैप्सूल्स में पाये जाने वाले ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स हमारे खून में ‘ट्राइग्लिसराइड’ का स्तर कम करते हैं, और अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ाते हैं।
जिसका सीधा सा मतलब है, कि ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स मोटापे और हृदय रोगों के लिए वरदान हैं। इसके अलावा भी ओमेगा-3 कैप्सूल्स में पाये जाने वाले ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स से हमारे स्वास्थ्य को अन्य बहुत से लाभ मिलते हैं।
ओमेगा-3 फैटी एसिड क्या है (Omega 3 Fatty Acid kya hai)
हम जानते हैं कि हमारे शरीर में वसा यानी ‘फैट’ कई तरह से जमा होता है। ओमेगा-3 फैटी-एसिड भी इन्हीं में से एक है। ओमेगा-3 फैटी-एसिड को संक्षेप में ओमेगा-3 कहा जाता है।
ओमेगा-3 फैटी-एसिड ‘पॉलीअनसैचुरेटेड फैट’ की श्रेणी में आता है, और इस प्रकार का फैट स्वास्थ्य के लिये लाभकारी होता है।
चूंकि ओमेगा-3 फैटी-एसिड शरीर में नहीं बनता, इसलिये इसे बाहरी स्रोतों से आहार के ज़रिये लेना होता है।
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ओमेगा-3 फैटी-एसिड कितने प्रकार के होते हैं (Omega-3 Fatty Acid Types)
ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स तीन तरह के होते हैं:
- एएलए,
- डीएचए,
- ईपीए।
इसमें सिर्फ ‘एएलए’ को शाकाहारी स्रोतों से प्राप्त किया जा सकता है।
ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स के मुख्य स्रोत हैं – मछली, अखरोट, सोयाबीन, अलसी का बीज या तेल इत्यादि।
तो आइये बात करते हैं ओमेगा-3 कैप्सूल्स से होने वाले फायदों के बारे में।
ओमेगा – 3 कैप्सूल के फायदे (benefits of Omega-3 capsules) –
ओमेगा-3 कैप्सूल्स से आंखों को फायदा (omega-3 capsules for eyesight)
क्या आप जानते हैं कि हमारे दिमाग़ और आंखों के स्वास्थ्य के लिये बेहद जरूरी तत्व डीएचए (docosahexaenoic acid) ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स का ही एक रूप है। डीएचए खास तौर पर आंखों की ‘रेटिना’ (ratina) के लिये बहुत जरूरी होता है।
इसलिये डीएचए पर्याप्त मात्रा में न लेने पर आंखों से जुड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। अगर आप पर्याप्त मात्रा में ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स का सेवन करते हैं तो आपको ‘मैक्युलर डिजेनरेशन’ की समस्या का रिस्क कम हो जाता है, जिसकी वजह से नज़र में धुंधलापन आ जाता है।
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गर्भावस्था में बच्चों के मस्तिष्क के विकास के लिये ओमेगा-3 कैप्सूल्स – (Omega-3 Capsules for Brain Development of Children dDuring Pregnancy)
ओमेगा-3 कैप्सूल्स में पाया जाने वाला ओमेगा-3 फैटी-एसिड गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आपको बता दें कि मानव मस्तिष्क में पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी-एसिड्स का चालीस फीसदी भाग, व रेटिना में डीएचए का हिस्सा साठ प्रतिशत तक होता है।
इसलिये गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं को डीएचए रिच डाइट देने से बच्चों के मस्तिष्क का समुचित विकास संभव होता है, और नज़र भी तेज होती है।
इसके अलावा डीएचए की प्रचुरता से बच्चों में विकास और व्यवहार से संबंधित समस्याएं, ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी जैसी परेशानियां पैदा होने की संभावना कम हो जाती है।
हृदय रोगों में ओमेगा-3 कैप्सूल्स के लाभ (omega-3 capsules benefits in heart dieses)
ओमेगा-3 कैप्सूल्स हृदय रोगों में चमत्कारिक लाभ प्रदान करते हैं। शरीर में ओमेगा-3 फैटी-एसिड की पर्याप्तता से हृदयाघात का जोखिम ख़त्म हो जाता है।
क्योंकि ओमेगा-3 कैप्सूल्स के सेवन से शरीर में ट्राइग्लिसराइड का लेवल महत्वपूर्ण रूप से घटता है, जो ‘स्ट्रोक’ का एक प्रमुख कारण है।
इसके साथ ही ओमेगा-3 कैप्सूल्स लेने पर शरीर में ‘एचडीएल’ यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है। इसीलिए ओमेगा-3 कैप्सूल्स लेने पर आपका ब्लड-प्रेशर यानी रक्तचाप भी नियंत्रित रहता है।
इसके अलावा ओमेगा-3 कैप्सूल्स रुधिर में मौजूद प्लेटलेट्स को आपस में चिपकने से रोकते हैं, और इस तरह रक्त के थक्के नहीं बनने देते।
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ओमेगा-3 कैप्सूल्स लेने से धमनियों में ‘ब्लॉकेज’ नहीं आने पाता। इस तरह ओमेगा-3 कैप्सूल्स मोटापे, कोलेस्ट्रॉल या हृदय-रोगों से संबंधित मामलों में बहुत कारगर साबित होते हैं।
ओमेगा-3 कैप्सूल्स से स्व-प्रतिरक्षित रोगों में लाभ (benefits of omega-3 capsules in auto-immune dieses)
शोध बताते हैं कि जन्म के पहले वर्ष नवजात को अगर ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स से भरपूर ‘डाइट’ दी जाये, तो उसमें स्व-प्रतिरक्षित रोग यानी ‘ऑटो-इम्यून डिज़ीज’ पनपने की संभावना नहीं रहती।
आपको बता दें कि ऑटो-इम्यून या स्व-प्रतिरक्षी रोगों में आपका प्रतिरक्षा तंत्र स्वस्थ कोशिकाओं की पहचान में असमर्थ हो जाता है, और खराब कोशिकाओं के साथ ही उन पर भी हमला कर नष्ट करना शुरू कर देता है।
जैसे कि टाइप-1 डाइबिटीज में हमारा ‘इम्यून-सिस्टम’ यानी प्रतिरक्षा तंत्र अग्नाशय में इंसुलिन के निर्माण में जरूरी कोशिकाओं पर ही हमला कर देता है। ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स के सेवन से ऐसे ‘ऑटो-इम्यून डिज़ीज’ का खतरा ख़त्म हो जाता है।
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मोमोरी-पॉवर में ओमेगा-3 कैप्सूल्स के फायदे (benefits of omega-3 capsules in Alzheimer’s dieses)
कई शोधों में यह साबित हो चुका है कि ओमेगा-3 कैप्सूल्स लेने पर ‘मेमोरी-पॉवर’ बढ़ती है। इसलिये ओमेगा-3 कैप्सूल्स छात्रों के लिये भी बहुत उपयोगी है।
इसके अलावा ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स बढ़ती उम्र में अल्जाइमर की समस्या से लड़ने में काफी अहम होते हैं। उपरोक्त के अलावा ओमेगा-3 कैप्सूल कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, बच्चों में अस्थमा, लिवर-फैट कम करने, स्त्रियों में माहवारी के दर्द में, मेटाबॉलिक सिंड्रोम आदि समस्याएं दूर करने में उपयोगी साबित होता है।
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ओमेगा–3 कैप्सूल की खुराक – (Omega-3 Capsule Supplements In Hindi)
किसी भी प्रकार की दवा को लेने के लिए यह बहुत जरूरी होता हैं कि आपको यह पता हो कि दवा की कितनी खुराक किस समय लेनी चाहिए। ओमेगा 3 कैप्सूल के फायदों और नुकसानों के बारे में तो लगभग सभी व्यक्ति जानते हैं।
लेकिन यहां पर हम आपको इस कैप्सूल की खुराक की मात्रा उम्र के हिसाब से बताने जा रहे है।
- शिशु जो 12 महीने तक के हो– 0.5 g
- बच्चे जो 1 से 3 साल तक के हो– 0.7 g
- बच्चे जो 4 से 8 साल तक के हो 0.9 g
- लड़के जो 9 से 13 साल तक के हो- 1.2 g
- लड़कियां जिनकी आयु 9 से 13 साल तक हो- 1.0 g
- युवक जो 14 से 18 साल तक के हो- 1.6 g
- युवतियां जिनकी आयु 14 से 18 साल तक हो- 1.1 g
- पुरुष जिनकी आयु 19 से 50 साल तक हो -1.6 g
- महिलाएं जिनकी उम्र 19 से 50 साल तक हो-1.1 g
- पुरुष जिनकी आयु 50 साल से अधिक हो-1.6 g
- महिलाएं जिनकी आयु 50 साल से अधिक हो- 1.1 g
- गर्भवती महिलाएं 1.4 g
- स्तनपान कराने वाली महिलाएं- 1.3 g
हालांकि इस कैप्सूल की सही खुराक के बारे में डॉक्टर ही बता सकते है। क्योंकि खुराक मरीज की आयु, लिंग, स्थिति और जरूरत को देखते हुए अलग अलग हो सकती है।
पुरुषों को ओमेगा-3 कैप्सूल्स से होने वाले फायदे – (Benefits of Omega-3 Capsules For Men)
ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स चूंकि खून को पतला करने का काम करते हैं, इसलिये ओमेगा-3 कैप्सूल्स के इस्तेमाल से हमारा ब्लड-सर्कुलेशन बढ़ता है, और इस तरह पुरुषों में ‘सेक्स-ड्राइव’ और उसके लिये ‘स्टैमिना’ भी बढ़ती है।
इस दवा के बारे में भी हिंदी में पढ़े और जाने की यह आपके स्वास्थ्य में कैसे कारगर: metronidazole tablet uses in hindi ।
ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स की कमी के लक्षण – (Symptoms of Omega-3 deficiency)
ओमेगा-3 कैप्सूल न लेने पर, या ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स की शरीर में कमी होने पर हमें हृदय रोगों की आशंका बढ़ जाती है।
ओमेगा-3 की कमी से हमारे शरीर में अच्छी वसा की मात्रा खराब वसा की मात्रा से काफी कम हो सकती है, यानी हमें कोलेस्ट्रॉल संबंधी तमाम परेशानियां जैसे ब्लडप्रेशर, हार्ट-डिज़ीज आदि पेश आ सकती हैं।
इसके अलावा मस्तिष्क और आंखों के लिए जरूरी ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स की कमी के चलते इन अंगों से संबंधित दिक्कतें भी पैदा हो सकती हैं।खासतौर से गर्भावस्था के दौरान ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स की कमी होने पर गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क के विकास पर बुरा असर पड़ता है।
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ओमेगा-3 कैप्सूल से होने वाले नुकसान (disadvantage of Omega-3 capsules)
सभी चीजों की तरह ओमेगा-3 कैप्सूल्स या फैटी-एसिड्स भी फायदे के साथ ही, बिना सोचे-समझे इस्तेमाल किये जाने पर नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। इसीलिए बेहतर है कि ओमेगा-3 कैप्सूल्स लेने से पहले हम एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।
ओमेगा-3 कैप्सूल्स के दुरुपयोग से होने वाले कुछ दुष्प्रभाव इस प्रकार हैं –
- ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स के अधिक सेवन से आपका रुधिर पतला हो सकता है, जिससे ‘ब्लीडिंग’ वगैरह की समस्या पैदा हो सकती है।
- ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स की जरूरत मछली के ज़रिये बेहतर तरीके से पूरी की जा सकती है। पर इससे हमारे मुंह का स्वाद बिगड़ जाता है, और पाचन-प्रणाली से जुड़ी कई दिक्कत जैसे – जी मिचलाना, एसिडिटी, डकारें, पेट फूलना और हार्ट-बर्न आदि हो सकते हैं।
- ओमेगा-3 कैप्सूल्स के प्रयोग से ‘हाई ब्लडप्रेशर’ नियंत्रण में आता है। लेकिन ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स के अधिक इस्तेमाल से आपका ब्लडप्रेशर लो भी हो सकता है।
- इन सबके अलावा, ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स की कमी पूरी करने के लिये मछली के तेल वाले कैप्सूल्स लेने पर आपके शरीर में रक्त-शर्करा, यानी खून में शुगर का लेवल बढ़ता है। इसलिये डाइबिटीज के मरीजों को ओमेगा-3 कैप्सूल्स लेने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछ लेना चाहिये।
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ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स के प्रमुख स्रोत (Sources of omega-3 fatty acids)
ओमेगा-3 कैप्सूल्स के प्राकृतिक स्थानापन्नों में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार के स्रोत शामिल हैं। जिनके सेवन से शरीर में ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स की कमी नहीं होने पाती।
अखरोट, अलसी के बीज और तेल, सोयाबीन, फूलगोभी, मछलियां, खास तौर पर साल्मॅन मछली अथवा टूना मछली, अंडे आदि ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स के कुछ प्राकृतिक स्रोत हैं। जिनके सेवन से ओमेगा-3 कैप्सूल्स की कमी दूर होती है।
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ओमेगा 3 कैप्सूल के विकल्प – (Omega 3 Capsule Alternatives)
कुछ लोग इस कैप्सूल का सहारा नहीं लेना चाहते खासकर की शाकाहारी लोग। इसीलिए हम आपको ओमेगा 3 कैप्सूल के विकल्प (खाद्य पदार्थ) के बारे में बताने जा रहे हैं।
- ब्रसेल्स स्प्राउट्स: यह एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। क्योंकि इसमें विटामिन के और सी के अलावा फाइबर भी पाया जाता है।
- भांग के बीज: हो सकता है कि यह आपको सुनने में थोड़ा अजीब लगे। लेकिन यह ओमेगा 3 फैटी एसिड का एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। क्योंकि इसमें जिंक, मैग्नीशियम और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
- अखरोट: अखरोट में बहुत से ऐसे बहुत से गुण मौजूद होते हैं जो वजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। यह बात रिसर्च में भी शामिल हो चुकी है। साथ ही यह दिल और दिमाग दोनों के स्वास्थ्य को स्वस्थ बनाए रखता है।
इसके आलावा आप यहाँ पर इन् सभी विषयों के बारे में भी जान सकते है।
- गुड हेल्थ कैप्सूल के फायदे
- लाइकोपीन कैप्सूल के फायदे
- सैक्स पावर कैप्सूल का नाम
- कामा गोल्ड कैप्सूल के फायदे
निष्कर्ष – (Conclusion)
अब तक हमने ओमेगा-3 कैप्सूल्स के बारे में विस्तार से चर्चा की। जिसमें ओमेगा-3 कैप्सूल्स के फायदे, नुकसान और ओमेगा-3 फैटी-एसिड्स की कमी के लक्षण आदि हर पहलू पर बात की गई।
हमने देखा कि ओमेगा-3 कैप्सूल्स कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोगों में कैसा चमत्कारिक लाभ प्रदान करता है। साथ ही हमने यह भी जाना, कि ओमेगा-3 के लापरवाही से इस्तेमाल करने पर हमें उससे क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।
उम्मीद है हमारे द्वारा ओमेगा-3 कैप्सूल्स पर दी गई ये शोधपरक जानकारियां आपके बहुत काम आयेंगी।
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