हर्निया रोग क्या है कारण और इलाज
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आपने लोगों को कई बार यह कहते हुए सुना होगा कि हर्निया का ऑपरेशन हुआ है य कोई कभी कहता है कि उसे हर्निया है।पर क्या आप जानते हैं कि हर्निया आखिर होता क्या है। हर्निया एक आम समस्या है लेकिन इसके लक्षणों को समय रहते पहचान लेना बहुत आवश्यक है वरना समस्या बहुत गम्भीर हो सकती है।यह महिला या पुरुष किसी को भी हो सकती है। आज हम इस लेख में हर्निया के लक्षण, कारण, और इलाज के विषय में बात करेंगे।
हर्निया की समस्या तब उत्पन्न होती है जब पेट की मांसपेशियों के कमजोर हो जाने के कारण किसी छेद या दरार में से आंते या कोई अंग बाहर आने लगता है। पेट के मसल्स कमजोर हो जाने के कारण या किसी खराबी के कारण हर्निया की समस्या उत्पन्न होती है। यह सामान्य रूप से पेट में होता है, लेकिन नाभि के पास, कमर, पेट और जांघ के ऊपरी हिस्से में भी हो सकता है।
हर्निया के लक्षण
हर्निया के लक्षण स्त्री औए पुरुषों मे अलग-अलग पाये जाते हैं। लेकिन ज्यादातर इसके सामन्य लक्षण ही पाये जाते हैं। इसके कईं प्रकार के लक्षण देखे जाते हैं। ये कुछ लक्षण हैं जो महिला और पुरुष दोनों में पाये जाते हैं। इसके साथ-साथ आप यहां पर एड़ी के दर्द का पक्का इलाज की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- उलटी बार बार होना
- मल- मूत्र करने में कठिनाई होना
- किसी अंग में सूजन होना
- कभी कभी तीव्रता से दर्द होना
महिलाओं में हर्निया के लक्षण
महिलाओं में भी हर्निया के लक्षण देखने को मिलते हैं जिनके बारे में विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है।
- बच्चे के जन्म के बाद दर्द होना
- पेट में गाँठ या दर्द होना
- उलटी या तनाव होना
- शरीर के किसी हिस्से में उभार होना
- किसी अंग में सूजन
ये है स्त्रियों में हर्निया के लक्षण इनमें से कोइ भी लक्षण हो तो हर्निया हो सकता है |
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हर्निया के प्रकार
हर्निया मुख्य रूप से पांच प्रकार का होता है; इसके अलावा आप यहां पर गठिया के लक्षण के बारे में पता लगा सकते हैं और इसके साथ-साथ घरेलू उपचारों के बारे में भी बेहतर तथा महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल कर सकते हैं।
- इंसिजनल हर्निया: पहले से ही कोई ऑपरेशन झेल चुके लोगों में इसका खतरा ज्यादा होता है। यह सर्जरी के दौरान चीरा लगाने वाली जगह पर हो सकता है।
- फेमोरल हर्निया: यह ज्यादातर जांघ के पास होता है जिस कारण पीड़ित की कमर में सूजन आ जाती है। और चलने में मुश्किल होती है। यह अधिकतर स्त्रियों में पाया जाता है।
- हाइटल हर्निया: यह अधिकतर ज्यादा आयु के लोगों में पाया जाता है। इसमें सीने या गले में जलन महसूस होती है और पेट में दर्द भी हो सकता है तथा खाने में परेशानी हो सकती है।
- अम्बिलिकल हर्निया: ये ज्यादातर छोटे बच्चों या नवजात शिशुओं में पाया जाता है । यह नाभि पर होता है इसका कोई विशेष लक्षण नहीं होता और इसे ज्यादा खतरनाक नहीं माना जाता लेकिन इलाज में देरी करने पर ये खतर्नाक भी हो सकता है।
- इनगुइनल हर्निया:हर्निया के ज्यादातर मामलों में इनगुइनल हर्निया पाया जाता है इसमें पेट की दीवार के कमजोर हिस्से के द्वारा पेट के अंश और छोटी आँत बाहर निकल आती है । यह दर्दरहित होता है लेकिन कमर में सूजन और उलटी की समस्या हो सक्ती है। अधिकतर मामलों में ये पुरुषों में जांघ के पास पाया जाता है
नोट – चिकन पॉक्स के कारण- लक्षण, उपचार व पूरी जानकारी
हर्निया का इलाज
हर्निया का इलाज सर्जरी के द्वारा ही संभव है। हालाँकि कुछ व्यायाम और खान पान में बदलाव करके भी शुरुआत में ही इसे कंट्रोल किया जा सकता है। इसके साथ-साथ आप यहां पर श्वसन तंत्र से संबंधित समस्या जैसे की सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करे आदि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी हासिल कर सकते हैं।
हर्निया की सर्जरी दो प्रकार की होती है; इतना ही नहीं बल्कि आप यहां पर ट्यूमर क्या होता है और ट्यूमर होने के कारण लक्षण तथा इस जानलेवा ट्यूमर के उपाय के बारे में भी विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और साथ ही यह भी जान सकते हैं कि ट्यूमर किस प्रकार से कैंसर का रूप ले सकता है।
- ओपेन सर्जरी: यह इलाज की पुरानी विधि है जिसमें प्रभावित स्थान पर 3 से 6 इंच का कट लगाकरएक प्रकार की सर्जिकल जाली के द्वारा बाहर निकले अंग पैच करके भीतर कर दिया जाता है।इसमें चीरे के कारण रोगी को ठीक होने में समय लगता है, परंतु यह सफल और सुरक्षित मानी जाती है।
- लेप्रोस्कोपिक सर्जरी: इस सर्जरी में एक छोटे कैमरे और कुछ छोटे सर्जिकल यंत्रों की सहायता से तीन बहुत छोटे छेद करके हर्निया का इलाज किया जाता है।इस सर्जरी में दर्द ना के बराबर होता है यह सुरक्षित मानी जाती है क्योंकी यह आस पास की कोशिकाओं के लिये कम हानिकारक है। इसमें रोगी को ठीक होने में कम समय लगता है, लेकिन हर्निया के लौटने का खतरा रहता है।
इसके साथ-साथ आप यहां पर दिए हुए लिंक पर क्लिक करें और जाने टाइफाइड क्या है कारण, लक्षण व् उपचार |
निष्कर्ष
तो ये थे हर्निया के लक्षण प्रकार और इलाज। हर्निया विभिन्न प्रकार और कारणों से हो सकते हैं और उनके इलाज भी अलग अलग हो सकते हैं।कोई भी संदेहास्पद स्थिति होने पर चिकिस्त्सक से परामर्श प्राप्त करने में देरी नहीं करनी चाहिये जिससे समय पर इलाज संभव हो सके।
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जैसा कि आपने बताया है इस सिरप के उपयोग से बहते हुए खून को कंट्रोल में किया जा सकता है…