टाइफाइड क्या है: कारण, लक्षण (Symptoms in Hindi), परहेज व् उपचार
Tablet of Contents
- 1 टाइफाइड क्या है – What is Typhoid in Hindi
- 2 टाइफाइड बीमारी के कारण – Causes of Typhoid in Hindi
- 3 टाइफाइड बीमारी के लक्षण – Typhoid Symptoms in Hindi
- 4 टाइफाइड बीमारी के उपाय – Typhoid Treatment in Hindi
- 5 टाइफाइड से बचाव – Precautions in Typhoid in Hindi
- 6 टाइफाइड में परहेज़ – Abstinence in Typhoid in Hindi
- 7 निष्कर्ष – Conclusion
टाइफाइड एक गंभीर समस्या है और वक्त रहते अगर टाइफाइड के कारण, लक्षण, परहेज व उपचार से संबंधित जानकारी मिल जाए तो पीड़ित व्यक्ति को जल्द ही इस बीमारी से दूर कर स्वस्थ बनाया जा सकता है।
आइए टाइफाइड के बारे में विस्तार से जानते हैं और यह भी पता लगाते हैं कि यह किन कारणों से होता है। साथ ही हम आपको बताएंगे कि क्या लक्षण है जिन्हें आपको अनदेखा नहीं करना चाहिए जो टाइफाइड का कारण बनता है।
इसके साथ हम टाइफाइड के होने पर क्या परहेज करना चाहिए और इसके क्या उपचार होंगे उसका भी वर्णन हम यहां पर करेंगे । आइए समझते हैं:-
टाइफाइड क्या है – What is Typhoid in Hindi
Typhoid ko hindi me kya kahate hai: टाइफाइड यूं तो एक इंग्लिश शब्द है लेकिन हिंदी में भी इसको टाइफाइड के नाम से ही पुकारा जाता है। कई जगह पर इसे टाइफाइड फीवर भी कहा जाता है । अगर हम हिंदी की बात करें तो इसे “आंत्र ज्वर” कहकर भी पुकारा जाता है।
टाइफाइड एक गंभीर समस्या है जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (Gastrointestinal) नामक इंफेक्शन के शरीर में फैलने से उत्पन्न होती है।
टाइफाइड की समस्या में सालमोनेला टाइफी नामक तत्व मुंह के द्वार से शरीर में प्रवेश करता है और यह करीब 1 से 3 हफ्ते तक आपके शरीर के अंदर रहता है तथा आंतों के जरिए खून की कोशिकाओं तक पहुंचकर उनमें में फैल जाता है तथा खून की कोशिकाओं में अपना संचार करने के बाद यह शरीर के अन्य अंगों में भी फैलने लगता है जिससे व्यक्ति की हालत गंभीर होने लगती है।
टाइफाइड होने पर किडनी फेलियर और गंभीर जीआई ब्लडिंग आदि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
वक्त रहते आइए जानते हैं कि बीपी लो होने के क्या लक्षण है व बीपी लो कैसे ठीक होता है। साथ ही हम इसके प्राथमिक उपचार के बारे में भी वाद-विवाद करेंगे ।
टाइफाइड बीमारी के कारण – Causes of Typhoid in Hindi
टाइफाइड एक ऐसी समस्या है जो शरीर के लगभग सभी अंगों को प्रभावित कर व्यक्ति को गति हीन एवं कमजोर बना देती है इसीलिए टाइफाइड की समस्या से बचाव के लिए उनके कारणों से संबंधित जानकारी का होना आवश्यक है।
टाइफाइड फीवर के कारण जानना अति आवश्यक है । सही कारण पता होने पर हम बीमारी की जड़ का पता लगा सकते हैं वह उसे वहीं पर खत्म कर सकते हैं। यदि वह संभव नहीं है तो हम उस बीमारी से बचने के उपाय भी खोज सकते हैं ।
नीचे टाइफाइड बीमारी के मुख्य कारण दिए गए हैं:-
- दूषित भोजन – कोई ऐसा खाद्य पदार्थ या भोजन जिसमें खराब मसाले तेल को मिलाया गया हो या फिर वह दूषित खाद्य सामग्री से तैयार किया गया हो या फिर लगातार एक-दो दिन का बासी खाना।
- दूषित पानी – कोई ऐसा पानी जिसमें कुछ कंकड़ एवं मिट्टी धूल जमा हो तथा आप उसका सेवन कर ले तब भी आपको यह बीमारी लग सकती है या फिर आप गंदे नल से पानी का सेवन कर लेते हैं तो यह भी दूषित पानी के कारण होने वाली टाइफाइड की समस्या में शामिल होता है।
- सड़क के किनारे मिल रहे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से भी टाइफाइड बीमारी के तत्व हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं क्योंकि सड़क किनारे लगे फूड स्टॉल में वातावरण में फैली धूल मिट्टी और छोटे-छोटे कण खाने में मिल जाते हैं जिसके सेवन से टाइफाइड की बीमारी हो जाती है।
- किसी टाइफाइड से संक्रमित व्यक्ति के भोजन या पानी का सेवन कर लेना।
- खराब फिल्टर के पानी का सेवन करने के कारण भी टाइफाइड की समस्या उत्पन्न होती है।
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टाइफाइड बीमारी के लक्षण – Typhoid Symptoms in Hindi
टाइफाइड एक जानलेवा बीमारी भी हो सकती है । यदि उनके लक्षणों पर समय रहते गौर नहीं किया गया तो टाइफाइड एक जानलेवा बीमारी बन जाती है। आइए इसके लक्षणों को विस्तार से समझते हैं और समय रहते इसका उपचार, नियमित परहेज व रोकथाम करते हैं।
टाइफाइड की समस्या होने पर शरीर में सालमोनेला टाइफी तत्व प्रवेश कर आंतों के जरिए खून की कोशिकाओं में पहुंचकर शरीर के सभी अंगों को प्रभावित कर देता है
और ऐसी स्थिति में प्रतिरक्षा कोशिकाएं भी शरीर को प्रभावित होने से नहीं बचा पाती है लेकिन व्यक्ति को अगर टाइफाइड की बीमारी के लक्षण पता हो तो टाइफाइड की समस्या को गंभीर होने से बचाया जा सकता है।
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टाइफाइड की समस्या होने पर शरीर में व्यक्ति को निम्नलिखित मुख्य लक्षण देखने को मिल सकते हैं-:
- तेज बुखार ( 100 डिग्री से अधिक)
- सिर दर्द
- कब्ज और डायरिया की समस्या
- भूख की कमी
- लीवर में सूजन
- छाती पर लाल रंग के निशानों का दिखना।
- थकान महसूस होना।
- शरीर का तापमान बिगड़ने से ठंड लगना।
- शरीर के कुछ अंगों में दर्द महसूस होना।
- पेट में दर्द और ऐंठन महसूस होना।
टाइफाइड बीमारी के उपाय – Typhoid Treatment in Hindi
अगर आपको टाइफाइड के किसी भी लक्षण जैसे थकान, सिरदर्द, उल्टी, कब्ज और तेज बुखार आदि शरीर में नजर आते हैं तो आपको जल्द ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और बीमारी के बारे में परामर्श करना चाहिए। इसके अलावा यदि आप जांघ में हो रहे दर्द से अत्यधिक परेशान है तो आईए जानते हैं जांघ में दर्द का घरेलू इलाज तथा विस्तार पूर्वक पूरी जानकारी प्राप्त करें।
डॉक्टर्स नियमित टेस्ट के जरिए इस बात की पुष्टि करेंगे कि आप टाइफाइड से पीड़ित है या नहीं। यदि हां तो आपको क्या दवा लेनी है क्या परहेज करने हैं और इससे बचाव के उपाय।
हम सलाह देते हैं कि आप टाइफाइड बीमारी के साथ-साथ क्वाशिओरकोर बीमारी के बारे में भी जरूर पढ़ें ।
दवा के साथ-साथ आपको घर पर टाइफाइड को ठीक करने के लिए निम्नलिखित उपायों को अपनाना चाहिए-:
- टाइफाइड की समस्या होने पर व्यक्ति का वजन तेजी से गिरने लगता है जिसके कारण व्यक्ति कमजोर दिखाई देने लगता है तथा इसीलिए आपको डॉक्टर की दवा के परामर्श के साथ-साथ कैलोरी युक्त कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिससे शरीर में ताकत बनी रहे और आपका वजन फिर से सामान्य रूप से बढ़ सके।आप इसके लिए दूध, दाल और उबले हुए आलू का सेवन डाइट में इस्तेमाल कर सकते हैं। ध्यान रहे कि टाइफाइड की समस्या होने पर केवल वही खाना दिया जाए जो आसानी से पच सके व् नियमित परहेज किये जाएँ ।
- टाइफाइड की समस्या होने पर व्यक्ति के शरीर से पानी ज्यादा मात्रा में निकल जाता है इसीलिए डॉक्टर ओआरएस घोल पीने का परामर्श देते हैं तथा इसके साथ आप दही की लस्सी तथा दाल का पानी भी पीड़ित व्यक्ति को दे सकते हैं।
- टाइफाइड की समस्या होने पर 5 से 7 लॉन्ग को 8 कप पानी में उबालें और पानी आधा होने तक इसे आंच पर पकाते रहें और फिर पानी को छान कर इसका सेवन करें।
- टाइफाइड की समस्या होने पर व्यक्ति के शरीर से ताकत एकदम चली जाती है और इसीलिए व्यक्ति को डॉक्टर की परामर्श दवा के साथ-साथ घर पर फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिसमें पीड़ित व्यक्ति को सेब, दलिया और ओट्स तथा मौसमी फल जिनमें फाइबर की मात्रा अधिक हो आदि खाने के लिए दे सकते हैं।
- टाइफाइड की समस्या में पीड़ित व्यक्ति को थोड़ा-थोड़ा खाने को देते रहे तथा पेट भर कर खाने को ना दें।
- चाय का परहेज करें- चाय तथा ज्यादा फैट जैसे जी एवं तेज मसालों का खाद्य पदार्थों में उपयोग ना करें।
- मांस से परहेज रखे – मांस का सेवन बिल्कुल बंद कर दे क्योंकि कमजोर पाचन तंत्र के कारण पीड़ित व्यक्ति मांस को नहीं पचा पाता है।
यदि आप पेट में गैस के लक्षण जानना चाहते हैं तो यहां पर क्लिक करें वह पूरी जानकारी प्राप्त करें और यह भी जाने कि इसके क्या उपचार व घरेलू नुस्खे हैं जिसके द्वारा आप पेट के दर्द को ठीक कर सकते हैं।
टाइफाइड से बचाव – Precautions in Typhoid in Hindi
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक टाइफाइड की समस्या 3 से 5 प्रतिशत लोगों में ही देखी जाती है तथा अगर हर व्यक्ति टाइफाइड के बचाव से संबंधित नियमों को निरंतर फॉलो करें तो टाइफाइड की समस्या से बचा जा सकता है।
टाइफाइड से बचाव के मुख्य नियम निम्नलिखित हैं-:
- अगर घर में वाटर फिल्टर खराब है तो सबसे पहले उसे बदले तथा उसमें साफ पानी भरकर उसका उपयोग करें।
- हाथ धोने के लिए साबुन की जगह डब्बा युक्त हैंडवाश का उपयोग करें।
- फलों और सब्जियों को हमेशा धोकर साफ- -सुथरी जगह पर रखें।
- घर पर बना हुआ तथा पका हुआ भोजन ही खाएं।
- बाहर जाते वक्त एक साफ पानी की बोतल को साथ में रखें।
- सड़क पर खड़े फूड स्टॉल से बने खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें।
- बच्चों को टाइफाइड के वैक्सीन लगवाएं।
- ताजा फलों का रस घर पर बनाकर पीएं।
- तुलसी के पत्ते चबाएं या चाय में तुलसी उबालकर पिए।
टाइफाइड में परहेज़ – Abstinence in Typhoid in Hindi
स्वास्थ्य विशेषज्ञों तथा डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही टाइफाइड में खाद्य पदार्थों एवं डाइट को फॉलो करना चाहिए तथा टाइफाइड में निम्नलिखित चीजों से परहेज करना चाहिए-:
यदि आप यह जानना चाहते हैं कि बीपी लो कैसे ठीक होता है इसके क्या कारण हैं, क्या लक्षण हैं, व प्राथमिक उपचार तो यहां पर क्लिक करें और पूरी जानकारी प्राप्त करें ।
- टाइफाइड की समस्या होने पर फाइबर युक्त पदार्थ जैसे सेब, केला, साबूत अनाज और साबुत दाल आदि का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।
- डेयरी उत्पादों जैसे घी, मक्खन, दूध तथा चीज़ जैसे उत्पादों का सेवन टाइफाइड की समस्या में बंद कर देना चाहिए।
- अत्याधिक मिर्च-मसाला, तेल एवं अचार, कुछ भारी सब्जियों जैसे गोभी,शिमला मिर्च, प्याज लहसुन, मूली, शलगम आदि का सेवन से परहेज करना चाहिए।
- डिब्बाबंद जूस तथा मिल्क शेक आदि के सेवन से परहेज करना चाहिए क्योंकि इन सब में कैलोरी एवं वसा की मात्रा अत्याधिक रूप से मौजूद होती है एवं वसा पेट की आंतों के लिए ठीक नहीं होता है जिस वजह से टाइफाइड होने पर इन सभी प्रकार के फूड ड्रिंक से परहेज करना चाहिए।
निष्कर्ष – Conclusion
ऊपर दिए गए लेख में हम नहीं है जाना कि टाइफाइड क्या होता है । यह किन कारणों से होता है । इसके लक्षण क्या है । वह टाइफाइड बीमारी से बचने के क्या-क्या उपाय हैं जो हमें ध्यान में रखनी चाहिए ।
ऊपर दिए गए लेख के अनुसार आप टाइफाइड को भलीभांति जान सकते हैं और इसका तुरंत ही निदान कर सकते हैं । यदि किसी व्यक्ति को लक्षण दिखाई देते हैं तो हम यह सलाह देंगे कि तुरंत ही अपने डॉक्टर से संपर्क करें वह नियमित जांच करवाएं ।
इन दवाओं के बारे में भी ज्ञान अवश्य प्राप्त करें।
- Aceclofenac Tablet Uses in Hindi
- Tadalafil Tablet Uses in Hindi
- Atorvastatin Tablet Uses in Hindi
- Dexamethasone Tablet Uses in Hindi
टाइफाइड की पुष्टि होने पर डॉक्टर ही आपको सही दवा की सलाह देंगे वह आपको बताएंगे कि आपको क्या प्रेरणा है और बीमारी से ठीक होने के उपाय ।
हालांकि हमने पूरी जानकारी ऊपर सांझा की है जिसके द्वारा आप टाइफाइड के बारे में सब कुछ पता लगा सकते हैं। यदि कहीं पर आपको कुछ संदेह होता है या आपको लगता है की जानकारी कहीं पर अधूरी रह गई है तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं ।
नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में आप अपना सवाल दर्ज कर सकते हैं जिससे हमारे एक्सपर्ट आपको यह सलाह देंगे कि आपको क्या करना है ।
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