लौ बीपी के लक्षण (Low BP Symptoms in Hindi), कारण, और प्राथमिक उपचार
Tablet of Contents
लौ बीपी या लो ब्लड प्रेशर वह स्थिति है जिसमें रक्तचाप शरीर के सभी रक्त धमनियों (ब्लड वेसल्स) में सामान्य से काफी कम हो जाता है।
यह एक अधिकतम चिंता का विषय है क्योंकि यह दिल, किडनी, मस्तिष्क, और अन्य शरीर के अंगों के लिए जोखिम पैदा करता है।
रक्तचाप हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जबकि हाई बीपी एक प्रसिद्ध चिंता का विषय है। इसी प्रकार लौ बीपी, जिसे हाइपोटेंशन भी कहा जाता है, उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि उच्च रक्तचाप।
यदि तुरंत ध्यान न दिया जाए तो निम्न रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर) से चक्कर आना, बेहोशी और अन्य जटिलताएँ हो सकती हैं। इसलिए, लौ बीपी की पहचान, कारण, लक्षण और प्राथमिक उपचार विशेष महत्वपूर्ण हैं।
यह भी पढ़ें:- बीपी कम करने के घरेलू उपाय ।
लौ बीपी के कारण – Causes of Low BP in Hindi
लौ बीपी के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
मोटापा: अधिक वजन रखने वाले व्यक्तियों में लौ बीपी का खतरा अधिक होता है। मोटापा हृदय रोगों और मधुमेह की ओर पहुंचने वाले रासायनिक परिवर्तनों को प्रोत्साहित करता है, जो लौ बीपी को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा यदि आप बढ़ते वजन की समस्या से परेशान है और आप जानना चाहते हैं कि वजन कैसे कम करें तो दिए हुए लिंक पर क्लिक करें और अपने इस समस्या से छुटकारा पाएं।
खाने की अशुद्ध आदतें: बढ़ी मात्रा में नमक, मसाले, शक्कर, और तली हुई चीजों का सेवन लौ बीपी को बढ़ा सकता है।
शारीरिक निष्क्रियता: बैठे रहना और शारीरिक गतिविधियों की कमी भी लौ बीपी के लिए जिम्मेदार हो सकती है।
अधिक तनाव: तनाव लौ बीपी के लिए एक मुख्य कारक है, क्योंकि यह लौ बीपी को बढ़ा सकता है और दिल के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
धूम्रपान और शराब का सेवन: धूम्रपान और शराब के सेवन से लौ बीपी बढ़ सकता है और यह दिल से संबंधित समस्याओं का भी कारण बनता है।
यदि आप सुखी खांसी से परेशान है तो यहां क्लिक करें और सूखी खांसी का इलाज तुरंत प्राप्त करें।
निर्जलीकरण: अपर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन या उल्टी, दस्त या पसीने के माध्यम से अत्यधिक तरल पदार्थ की हानि से रक्त की मात्रा कम हो सकती है और लौ बीपी हो सकता है।
दवाएं: मूत्रवर्धक, अल्फा-ब्लॉकर्स और बीटा-ब्लॉकर्स जैसी कुछ दवाएं लौ बीपी कर सकती हैं।
हृदय की समस्याएं: हृदय की स्थिति जैसे दिल का दौरा, दिल की विफलता, या अतालता हृदय की रक्त को कुशलतापूर्वक पंप करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है, जिसके परिणामस्वरूप लौ बीपी होता है।
अंतःस्रावी विकार: थायराइड की समस्याएं, अधिवृक्क अपर्याप्तता और अन्य हार्मोनल असंतुलन के कारण लौ बीपी हो सकता है।
एनीमिया: रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं या हीमोग्लोबिन की कम संख्या के परिणामस्वरूप लौ बीपी हो सकता है क्योंकि पूरे शरीर में ऑक्सीजन का परिवहन कम हो जाता है।
हम आपको सलाह देंगे कि आप यहां पर क्लिक करके त्रिफला चूर्ण के फायदे के बारे में भी जाने ।
लौ बीपी के लक्षण – Low BP Symptoms in Hindi
लौ बीपी के कई लक्षण हो सकते हैं या फिर व्यक्ति को किसी भी तरह की समस्या का अहसास नहीं होता है। यह एक खतरनाक स्थिति होती क्योंकि इसका अहसास एकदम से नहीं होता है, जब तक लौ बीपी के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
सिरदर्द: अधिकतर लौ बीपी वाले लोगों को सिरदर्द की शिकायत होती है, जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
छाती में दर्द: हृदय से संबंधित रक्तचाप की समस्या होने पर व्यक्ति छाती में दर्द का अनुभव कर सकता है। यदि आप पेट के दर्द से परेशान हैं तो यहां पर क्लिक करके जानें पेट में गैस के लक्षण ।
नज़र का ब्लर होना: अगर रक्तचाप कम हो जाए तो आंखों में ब्लर आने लगता है।
चक्कर आना: खड़े होने पर चक्कर आना, लौ बीपी का एक सामान्य लक्षण है।
बेहोशी: कुछ गंभीर मामलों में, लौ बीपी बेहोशी का कारण बन सकता है।
ठंडी, चिपचिपी त्वचा: कुछ के कारण त्वचा ठंडी और चिपचिपी महसूस हो सकती है।
उल्टी: कुछ मामलों में, निम्न रक्तचाप के कारण उल्टी हो सकती है।
प्राथमिक उपचार – First Aid for Low BP in Hindi
लौ बीपी को समय रहते न पहचानने और उसके प्राथमिक चिकित्सा उपचार न करने के कारण यह एक खतरनाक समस्या बन सकती है। यदि किसी व्यक्ति को लौ बीपी के संदेह हो या उसे लौ बीपी डायग्नोसिस हो गया हो तो उसे तुरंत चिकित्सा विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।
यहां कुछ प्राथमिक उपाय दिए गए हैं जो लौ बीपी को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं:
आहार: स्वस्थ आहार खाना लौ बीपी को नियंत्रित करने के लिए अहम उपाय है। यह सेवन किये जाने वाले खाद्य पदार्थों में कम नमक और तेल, ताजा फल, सब्जियां, पूर्ण अनाज, और हरे पत्ते शामिल करने के माध्यम से संभव है।
नोट:- आपको बता दें कि शिलाजीत खाने के बहुत ही अनोखे फायदे होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभप्रद है यहां पर क्लिक करें और जानें शिलाजीत खाने के फायदे हिंदी में ।
व्यायाम: योग, प्राणायाम, ध्यान जैसी धीरे-धीरे व्यायाम विधियों को अपनाना लौ बीपी को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
तनाव प्रबंधन: ध्यान देने योग्य तनाव प्रबंधन तकनीकें, जैसे कि मेडिटेशन और दिनचर्या में सकारात्मक बदलाव, रक्तचाप को संतुलित रखने में मदद कर सकते हैं।
दवाएं: चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा परामर्श के आधार पर कुछ दवाएं भी लौ बीपी को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।
यदि आप निम्न रक्तचाप से पीड़ित किसी व्यक्ति से मिलते हैं या स्वयं इसका अनुभव करते हैं, तो निम्नलिखित प्राथमिक चिकित्सा उपाय सहायक हो सकते हैं:
व्यक्ति की सहायता करें: यदि किसी को चक्कर आ रहा है या वह बेहोश हो रहा है, तो उसे गिरने और घायल होने से बचाने के लिए तुरंत बैठने या लेटने में मदद करें।
पैरों को ऊपर उठाएं: यदि व्यक्ति सचेत है और उसका रक्तचाप कम है, तो ऊपरी शरीर और मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को बढ़ावा देने के लिए उसके पैरों को हृदय के स्तर से ऊपर उठाएं।
पुनर्जलीकरण (रिहाइड्रेशन): यदि निर्जलीकरण का संदेह है, तो व्यक्ति को तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाने के लिए पानी या पुनर्जलीकरण समाधान प्रदान करें।
टाइट कपड़ों को ढीला करें: सुनिश्चित करें कि रक्त परिसंचरण में सुधार के लिए किसी भी टाइट कपड़े को ढीला कर दिया जाए।
चिकित्सा सहायता लें: यदि व्यक्ति का रक्तचाप कम रहता है या उनमें गंभीर निर्जलीकरण या अन्य संबंधित लक्षण दिखाई देते हैं, तो तत्काल चिकित्सा सहायता लें।
कृपया ध्यान दें यदि आप मुनक्का खाने के अद्भुत फायदे जानना चाहते हैं तो यहां पर क्लिक करके जाने । साथ में यह भी जाने कि इसे खाने में किस प्रकार प्रयोग किया जाए ।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि यह प्राथमिक उपचार केवल समस्या को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। लौ बीपी के लिए सही चिकित्सा उपचार के लिए एक चिकित्सा विशेषज्ञ से संपर्क करना अत्यंत आवश्यक है।
साथ ही साथ इन दवाओं का भी ज्ञान प्राप्त करें:-
- Aceclofenac Tablet Uses in Hindi
- Tadalafil Tablet Uses in Hindi
- Atorvastatin Tablet Uses in Hindi
- Paracetamol Tablet Uses in Hindi
निष्कर्ष – Conclusion on Low BP in Hindi
लौ बीपी, या हाइपोटेंशन, विभिन्न असुविधाजनक लक्षणों को जन्म दे सकता है और एक अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या का संकेतक हो सकता है।
लौ बीपी के कारणों और लक्षणों को समझने से व्यक्तियों को स्थिति को पहचानने और जरूरत पड़ने पर उचित प्राथमिक चिकित्सा उपाय करने में मदद मिल सकती है।
लौ बीपी एक गंभीर समस्या है जो दिल, किडनी, मस्तिष्क और अन्य अंगों के लिए खतरा पैदा कर सकती है। समय रहते लौ बीपी की पहचान करना और उसे सही चिकित्सा उपचार प्रदान करना महत्वपूर्ण है।
स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार, व्यायाम, और तनाव प्रबंधन लौ बीपी को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। लेकिन इन प्राथमिक उपायों का पर्याप्त परिणाम न मिलने पर चिकित्सा विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी है।
अगर हम सभी इन उपायों को अपनाकर संवेदनशील रहते हैं, तो हम लौ बीपी जैसी समस्याओं से बच सकते हैं और स्वस्थ और समृद्ध जीवन जी सकते हैं।
फेफड़ों में हुए इन्फेक्शन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए क्या इस दवा को हम सीधे तौर पर जाकर…