सीने और पीठ में दर्द के लक्षण, कारण और उपाय
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सीने के पीछे पीठ में दर्द – एक सामान्य स्थिति जो सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। हालाँकि कई लोग पीठ के निचले हिस्से में दर्द के बारे में बताते हैं, लेकिन सीने के पीछे दर्द बहुत आम है और यह किसी के जीवन की गुणवत्ता पर बहुत बुरा प्रभाव डाल सकता है।
इस तरह के सीने के पीछे पीठ का दर्द के कई कारण हो सकते हैं। इस लेख में, हम सीने के पीछे पीठ में दर्द क्यों होता है?, और इसके संभावित कारणों पर गौर करेंगे।
वैसे तो छाती और पीठ में दर्द होना बहुत ही आम सी बात है। बहुत बार लोगों को कमजोरी की वजह से भी पेट में दर्द वही अत्यधिक खांसी भी छाती में दर्द होने का एक कारण हो सकती है लेकिन कई बार मनुष्य की छाती और छाती के पीठ के हिस्से में एक साथ दर्द होने लगता है।
इन दोनों शरीर के अंगों में एक साथ दर्द होने की कई कारण होते हैं। इसके बहुत से परिणाम देखने को मिल सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि इस प्रकार के दर्द को गंभीरता से लिया जाए।
यदि आपके सीने में अचानक से दर्द होता है तो बिना देरी किए डॉक्टर को अवश्य दिखा लें। आइए इन कारणों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
छाती और पीठ में दर्द होने के कारण – (Causes of chest and back pain)
यदि आपको भी छाती और पीठ में एक साथ दर्द होता है तो इसके कारणों को जाने और इन्हें बिलकुल भी अनदेखा न करें।
- फेफड़ों के कैंसर के कारण: यदि किसी व्यक्ति को फेफड़े का कैंसर होता है तो वह सीने में दर्द की समस्या का शिकार हो सकता है। यदि यह कैंसर बढ़ जाए तो उसे सीने के दर्द के साथ-साथ पीठ की हड्डी में भी दर्द महसूस हो सकता है।
- गैस के कारण: अब आप यह सोच रहे होंगे कि गैस बनने के कारण तो पेट में दर्द होता है। लेकिन कई बार पेट में गैस बनने के कारण पीठ और छाती में एक साथ दर्द हो सकता है। ऐसा तब होता है जब यह गैस छाती, घुटनों और सिर में अटक जाती है।
- एनजाइना : यह इस प्रकार के दर्द का एक अहम कारण हो सकता है। दरअसल जिस वक्त मनुष्य के हृदय में खून का प्रभाव होना बाधित हो जाता है। तब यह सीने में दर्द की समस्या, सीने में दबाव या फिर जकड़न को जन्म देता है। कई बार यह दर्द इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि गर्दन, बाहों, कंधे और पीठ में दर्द भी महसूस होने लगता है।
- पित्त की थैली में समस्या: यदि मनुष्य की पित्त की थैली में कोई समस्या होती है तो उसकी पेट के साथ ही पीठ के दाएं हिस्से में भी दर्द होता है। उसे कई बार छाती में दर्द की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। जब बहुत से मिनरल्स इंसान की पित्त से थैली में एकत्रित हो जाते हैं तो उसे पीठ और छाती में एक साथ दर्द होता है।
- दिल का दौरा: बहुत बार छाती और पेट में दर्द की समस्या एक साथ होना दिल के दौरे की ओर भी संकेत कर रही होती है। यह तो हम सभी जानते हैं कि जब दिल में खून का प्रवाह ठीक से नहीं होता तो दिल का दौर आता है। क्योंकि ऐसे वक्त में दिल की मांसपेशियां भी कमजोर हो जाती हैं।
- पसली की समस्या: यदि पसली की मांसपेशियां खीच जाती है तो इस समस्या का सामना करना पकड़ा है। कई बार व्यक्ति को पसली में लगी चोट के कारण भी इस समस्या का सामना करना पड़ता है।
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सीने के पीछे पीठ में दर्द होने के कारण में मस्कुलोस्केलेटल कारण से भी हो सकता है, जैसे:
- थोरैसिक हर्नियेटेड डिस्क: सीने के पीछे पीठ में दर्द वक्षीय रीढ़ की हर्नियेटेड डिस्क के कारण भी हो सकती है। जब डिस्क के अंदर जेल जैसा पदार्थ बाहर निकलता है और आस-पास की नसों पर दबाव डालता है तो दर्द स्थानीयकृत और विकीर्ण हो सकता है।
- कॉस्टओवरटेब्रल जोड़ की शिथिलता: सीने के पीछे पीठ में दर्द कॉस्टओवरटेब्रल जोड़ों की शिथिलता के कारण हो सकता है, जो पसलियों को कशेरुक से जोड़ा हैं। ये जोड़ आघात, खराब मुद्रा और बार-बार की गतिविधियों के कारण निष्क्रिय हो सकते हैं।
आंतरिक अंग के कारण भी सीने के पीछे पीठ में दर्द हो सकता है:
- गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी): रिफ्लक्स एसोफैगिटिस (जीईआरडी) के साथ, पेट का एसिड पेट से बाहर निकल जाता है और अन्नप्रणाली में फिर से प्रवेश करता है, जिसके परिणामस्वरूप सीने में जलन होती है और कभी-कभी स्तन की हड्डी के नीचे असुविधा फैलती है। हालाँकि इसे मस्कुलोस्केलेटल दर्द के रूप में गलत निदान किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए उपचार अलग होना चाहिए।
- पित्ताशय की समस्याएँ: ऊपरी पीठ की परेशानी पित्ताशय की थैली की समस्याओं जैसे पित्त पथरी या सूजन के कारण हो सकती है। आमतौर पर दाहिनी ओर बेचैनी के साथ-साथ पाचन तंत्र से संबंधित अन्य लक्षण भी हो सकते हैं।
- हृदय संबंधी समस्याएं: जबकि सीने में दर्द अक्सर हृदय संबंधी समस्याओं से जुड़ा होता है, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि पीठ दर्द कुछ हृदय संबंधी बीमारियों का भी संकेत हो सकता है, जैसे महाधमनी विच्छेदन और एनजाइना।
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सीने और पीठ में दर्द के घरेलू उपचार – (Home remedies for chest and back pain)
आप रोज लहसुन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। क्योंकि लहसुन छाती में होने वाले दर्द में राहत पहुंचाता है। साथ ही इसके लगातार सेवन से दिल के दौरे का खतरा काफी कम हो जाता है। साथ ही इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है।
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यदि आप लहसुन को कच्चा खा सकते है तो इसकी 1 कली और 2 लौंग रोज खाएं। और यदि आप इसे कच्चा नहीं खा सकते तो इसके रस को गर्म पानी में डालकर रोज सेवन करें।
- आप बादाम के दूध का सेवन भी कर सकते हैं। यह एसिड को बेअसर कर देती है।
- मेथी के बीज भी काफी मददगार साबित होते है। क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करते है। साथ ही यह रक्तचाप में सुधार भी करते है।
लेकिन यदि आप इस समस्या से संबंधित कोई भी दवाई लेना चाहते हैं तो डॉक्टर की सलाह लें। क्योंकि यहां पर हमने जो उपाय बताएं हैं उनका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। यह मात्र छोटी समस्याओं को हल कर सकते हैं बाकि तो आपको डॉक्टर की सलाह ही लेनी होगी।
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पीठ और छाती में दर्द से बचाव के तरीके – (Ways to prevent back and chest pain)
नीचे हम कुछ सामान्य तरीके बताने जा रहे हैं जिनसे आप इस दर्द से बचाव कर सकते हैं।
- अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं।
- अपने आहार को बदलें। कैलोरी की मात्रा बढ़ा दे और फाइबर की मात्रा कम कर दे।
- नियमित रूप से अनार के जूस का एक गिलास पीना शुरू करें।
- शराब और अन्य धूमपान करने से बचें
- फेफड़ों में कफ बनने वाली चीज न खाएं।
- अपने आहार में पौष्टिक आहार शामिल करें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें।
- बहुत ज्यादा यह दर्द ठंड में रहने से भी होता है। इसलिए ज्यादा ठंडे स्थान पर रहने से बचें।
हम चाहते हैं कि आप नीचे दिए हुए इन सभी विषयों के बारे में बेहतर और उपयोगी जानकारियां अर्जित करें और अपने ज्ञान को और बढ़ाएं।
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निष्कर्ष – (Conclusion)
कई कारक सीने के पीछे पीठ में दर्द में योगदान कर सकते हैं, इसलिए देखभाल के सर्वोत्तम तरीके के लिए एक सटीक निदान आवश्यक है। यदि दर्द गंभीर है, अपेक्षा से अधिक समय तक रहता है, तो चिकित्सा सहायता लेने की सलाह दी जाती है।
जब दर्द के अंतर्निहित कारण की पहचान हो जाती है, तो कुछ उपचार लागू किए जा सकते हैं, जैसे भौतिक चिकित्सा, दवा, जीवनशैली में संशोधन, या, अधिक चरम स्थितियों में, सर्जरी।
सीने के पीछे पीठ में दर्द का इलाज करने और उससे बचने की कुंजी उचित मुद्रा बनाए रखना, स्वस्थ जीवन शैली चुनना और आवश्यक होने पर तुरंत सहायता प्राप्त करना है।
यदि आपको भी यह समस्या है तो आप ऊपर दिए गए उपचार बताकर इनका इलाज कर सकते हैं। लेकिन यह उपचार तभी अपने जब यह दर्द सामान्य हो।
यदि आपको यह दर्द पहली बार हो रहा है और यह असहनीय है तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। वहीं यदि यह दर्द आपको बार-बार होता है तो भी डॉक्टर के परामर्श से दवाई लेना शुरू कर दें।
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